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अस्पताल में मरीजों की भरमार, डॉक्टर नदारद
अस्पताल में मरीजों की भरमार, डॉक्टर नदारदअस्पताल में मरीजों की भरमार, डॉक्टर नदारदजागरण संवाददाता, एटा: मरीजों की भीड़ और डॉक्टरों की गैरमौजूदगी के चलते शुक्रवार को
एटा: मरीजों की भीड़ और डॉक्टरों की गैरमौजूदगी के चलते शुक्रवार को जिला अस्पताल की व्यवस्थाएं चरमराई गई। बाह्य रोगी कक्ष में भीड़ और उमस के चलते खड़ा होना मुश्किल था। इस दौरान लाइन में लगी एक महिला बेहोश होकर गिर पड़ी। उसे इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया।
इस समय वायरल, मलेरिया, टायफाइड, पीलिया आदि के मरीजों की भरमार है। शुक्रवार को अस्पताल खुलते ही काफी संख्या में मरीज अस्पताल पहुंचने लगे। दोपहर तक हालात बेकाबू हो गए। ओपीडी में कुल 1698 मरीजों के पर्चे बने। रोगियों की भीड़ और गर्मी के चलते ओपीडी में बेहद घुटन होने लगी। लाइन में लगे मरीजों की सांस उखड़ रही थी और बेचैनी हो रही थी। मरीजों के अलावा डॉक्टर भी अकुला रहे थे। ताजा हवा लेने वे बार-बार बाहर आ-जा रहे थे। इससे मरीजों को अपनी बारी के लिए और इंतजार करना पड़ा। दोपहर 12.30 बजे ओपीडी में 24 वर्षीय आशमां पत्नी शहजाद अचानक चक्कर खाकर गिर पड़ी और बेहोश हो गई। वह सर्दी-खांसी की दवा लेने आई थी और घंटे भर से लाइन में खड़ी थी, लेकिन उसका नंबर नहीं आया था। स्वास्थ्य कर्मचारियों ने उसे इमरजेंसी वार्ड में पहुंचाया। घंटेभर चले उपचार के बाद महिला घर चली गई।
कुल चार डॉक्टरों के सहारे भीड़: शुक्रवार को कोई भी चिकित्सक अवकाश पर नहीं था। फिर भी ओपीडी में सभी डॉक्टर नहीं थे। दोपहर को यहां दो बीएएमएस डॉक्टर, एक ईएनटी और एक आई सर्जन बैठे थे। अन्य सभी नदारद थे। वायरल संक्रमण, पीलिया, मलेरिया, टायफाइड आदि बीमारियों से परेशान लोगों को सबसे ज्यादा जरूरत फिजीशियन की थी। इसके चलते एक ही कमरे पर सर्वाधिक भीड़ जमा थी।
बैरंग लौटे तमाम मरीज
भीड़ का दबाव और डॉक्टरों की गैरमौजूदगी से तमाम मरीजों को बिना दवा के बैरंग लौटना पड़ा।
दरअसल ओपीडी का समय दोपहर दो बजे तक ही था। दोपहर एक बजे पर्चे बनाना बंद कर दिए। पर्चे न बनने से कई मरीज लौट गए तो कई पर्चा बनने के बावजूद डॉक्टर के पास तक नहीं पहुंच सके।
शुक्रवार को मरीज अधिक थे, यह भी पता लगा है कि समय पूरा होने पर कुछ मरीजों को इलाज नहीं मिल सका। समय के बाद तो अस्पताल खोलना मुश्किल है, लेकिन निर्धारित समय में सभी डॉक्टरों की उपलब्धता होनी चाहिए। यदि कोई बीच में या समय से पहले उठा है तो जानकारी कर चेतावनी दी जाएगी।
- डॉ. बी. सागर, सीएमएस, जिला चिकित्सालय।
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